लक्ष्मी देवी ललित कला अकादमी की स्थापना २७ जुलाई २००२ को श्रीमती लक्ष्मी देवी गुप्ता जी के जीवन काल में श्री पूर्ण चन्द्र गुप्त स्मारक ट्रस्ट के अंतर्गत हुई। श्रीमती लक्ष्मी देवी जी की रूचि गायन में ही नहीं, साहित्य, संस्कृति एवं कला में भी थी। उनका सपना था कि कानपुर कला और संस्कृति का अभिनव केंद्र बने।
अकादमी के संस्थापक और प्रथम अध्यक्ष स्मृतिशेष योगेन्द्र मोहन जी स्वयं एक श्रेष्ठ कवि एवं चिन्तक के रूप में आरम्भ से ही अकादमी का पथ प्रशस्त करते रहे।
वर्ष २००४ में अकादमी पूर्णचन्द्र विद्या निकेतन से मोती झील चौराहा स्थित जागरण परिवार के पूर्व निवास स्थान १११/७१, अशोक नगर में स्थापित हो गयी ।
अकादमी साहित्य जागरण मंच , संगीत जागरण मंच , चित्रकला जागरण मंच और नाट्य जागरण मंच के माध्यम से कला के क्षेत्र में समग्र रूप से कार्य कर रही है । अकादमी के मंच से अनेक लब्धप्रतिष्ठ संगीतकार , साहित्यकार, रंगकर्मी और कला शिल्पी अपनी प्रस्तुतियां दे चुके हैं । वार्षिक समारोह में इन विभूतियों को अकादमी विशेष रूप से सम्मानित भी करती है । यहाँ से निकले अनेक प्रशिक्षु साहित्य और कला की दुनिया में अकादमी का नाम रोशन कर रहे हैं ।