समस्त ललित कलाओं-साहित्य, संगीत (शास्त्रीय व उपशास्त्रीय गायन, वादन, नृत्य), चित्रकला, मूर्तिकला व नाट्यकला का विकास, प्रोत्साहन, शिक्षण एवं प्रदर्शन।
भारतीय संस्कृति, राजभाषा, राष्ट्रभाषा, हिन्दी भाषा और साहित्य के संवर्द्धन एवं प्रचार-प्रसार के लिए साहित्यकारों, पत्रकारों, शिक्षाविदों व हिन्दी प्रेमियों को मंच उपलब्ध कराना।
सांस्कृतिक/साहित्यिक क्षेत्र की कलाविधाओं और लोककलाओं के संवर्द्धन हेतु छात्रवृत्ति, पुरस्कार, सम्मान आदि प्रदान करना।
भारत की सांस्कृतिक विरासत और साहित्य कला के प्रति बालक-बालिकाओं, युवक-युवतियों एवं आम भारतीय में आकर्षण, लगाव व अभिरूचि पैदा करने के लिए बहुआयामी कार्यक्रम/आयोजन का राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सृजन।
श्रेष्ठ कलाओं, कलाविधाओं व भारतीय साहित्य के विशिष्टजनों को सम्मानित करना।
हिन्दी के साथ-साथ भारत की विभिन्न भाषाओं में रचित मूल साहित्यिक कृतियों का देशी-विदेशी भाषाओं में अनुवाद सुलभ कराना।
भारतीय कलाओं तथा साहित्य के प्रचार-प्रसार हेतु राष्ट्रीय एकता-अखंडता के संदेश को भारत के बाहर पहुँचाने तथा अप्रवासी भारतीयों को भारत से जोड़ने के लिए काम करना।
देश-विदेश में प्रतिनिधि मंडलों, अध्ययन दलों को भेजना और भारत में आमंत्रित करना।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के उद्देश्य से विचार गोष्ठियों, सेमिनारों एवं कार्यशालाओं आदि का आयोजन करना।